ठंड से निराश्रित,आश्रयहीन व्यक्तियों के बचाव हेतु रैन बसेरों की व्यवस्था ।
• सुरेश कुमार सिंह गौतम
बस्ती(उ0प्र0)– 12 दिसम्बर 2025 ,(सू.वि.,) अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के कारण निराश्रित असहाय एवं समाज के कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने हेतु कम्बल वितरण एवं रैन बसेरों की व्यवस्था हेतु कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा है। उक्त जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) प्रतिपाल सिंह चौहान ने मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी एवं समस्त अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत को निर्देशित किया है कि इस हेतु पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जायें।
उन्होने बताया है कि आश्रयहीन व्यक्तियों हेतु कम्बल वितरण एवं रैन बसेरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। कोई भी व्यक्ति रात में सड़क अथवा फुटपाथ पर सोने के लिए बाध्य न हो। इन रैन बसेरों, शेल्टर होम में रुकने वाले कमजोर वर्ग के लोगों को ठण्ड से बचाने के लिए आवश्यक समस्त उपाय जैसे-गद्दे, कम्बल, स्वरस्छ पेयजल, शौचालय एवं किचन आदि का प्रबन्ध निःशुल्क किया जाये तथा इन रैन बसेरों के आस-पास अधिक ठंड पड़ने पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जायें।
उन्होने बताया है कि प्रत्येक रैन बसेरों/शेल्टर होम के लिए एक उपायुक्त वरिष्ठता का नोडल अधिकारी नामित किये जाये, जिस पर रैन बसेरे/शेल्टर होम के लिए संचालन का उत्तरदायित्य होगा। इस हेतु नगर क्षेत्र में अपर नगर आयुक्त, नगर निगम एवं समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट जनपद बस्ती तथा तहसील क्षेत्रों में समस्त उप जिलाधिकारी एवं समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायतें नामित किये जाते है।
उन्होने बताया कि समस्त रैन बसेरों में केयर टेकर भी तैनात किये जाये, जिसका नाम, पदनाम, मोबाइल नम्बर रैन बसेरों के गेट पर अवश्य दर्शाया जाये। रात्रि में जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रैन बसेरों का औचक निरीक्षण अवश्य किया जाये। रैन बसेरों के केयर टेकर के पास निरीक्षण रजिस्टर भी रखा जाये, जिसका निरीक्षण अधिकारी अपनी टिप्पणी भी अंकित करें। समस्त चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों, बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, श्रमिकों के कार्य स्थलों, एवं बाजारों में अनिवार्य रुप से रैन बसेरों संचालित किये जाये। इस हेतु स्वास्थ्य विभाग. नगर निगम एवं विकास प्राधिकरण आदि विभाग अपेक्षित सहयोग करेंगे।
उन्होने बताया है कि रैन बसेरा में समस्त सुविधाएं अच्छी व गुणवत्ता पूर्ण हो तथा इसमें साफ-सफाई, साफ सुधरे बेड सीट, कम्बल, गरम पानी तथा सुरक्षा आदि की व्यवस्था की जाये। वर्तमान में मच्छरों के कारण डेंगू के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुये निर्देशित किया जाता है कि रैन बसेरों का सेनिटाईजेशन एवं फागिंग प्रतिदिन अनिवार्य रूप से कराया जाये। रैन बसेरों में सोशल डिस्टेसिंग का अनिवार्य रुप से पालन किया जाये। रैन बसेरों में सोशल डिस्टेसिंग के अनुपालन में कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यकतानुसार रैन बसेरों की संख्या बढ़ायी जाये।
उन्होने बताया कि रैन बसेरों में महिलाओं एवं पुरुषों को सोने व शौचालय आदि की पृथक-पृथक व्यवस्था, शीतलहरी एवं ठण्ड से बचाव कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए तथा स्थानीय समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक मीडिया आदि के माध्यम से इससे सम्बन्धित सूचनायें प्रचारित करायी जाये, ताकि शासन द्वारा जन-सामान्य की ठण्ड से बचाव हेतु किये जा रहे व्यापक उपायों की जानकारी आम-जन को हो सके। शीतलहर के दौरान इसके बचाव हेतु रैन बसेरों के आस-पास एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर समय से पर्याप्त अलाव प्रतिदिन जलाने की समुचित व्यवस्था सुनिश्थित की जाये। उन्होने बताया कि शीतलहरी में सामाजिक तत्व भी सक्रिय हो जाते है। अतः रैन बसेरों की सुरक्षा व्यवस्था भी कराना सुनिश्चित करें।
उन्होने बताया कि शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में राहत कार्यो के क्रियान्वयन सम्बन्धी सूचना/विवरण यथा कंबल वितरण, अलाव जलाना एवं संचालित रैन बसेरों की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की स्थिति तथा विवरण राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करायी जायें। प्रत्येक रैन बसेरे की जियो टैगिंग करते हुये फोटोग्राफ आपदा प्रहरी ऐप के माध्यम से अपलोड किये जायें।
उन्होने कहा है कि उक्त दिशानिर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करते हुये रैन बसेरों/शेल्टर होम का संचालन तत्काल सुनिश्चित किया जाये तथा रैन बसेरों शेल्टर होम में तैनात किये गये केयर टेकर का नाम/पदनाम/मोबाइल नम्बर की सूची कलेक्ट्रेट स्थिति जिला आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ की उपलब्ध कराया जाये।